नये युग का सूत्रपात
लखनऊ। कतई चौकिएगा नहीं, अगर मिलाद के आयोजनों में आपको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े लोग मंच पर बैठे दिख जाएं या संघ की शाखाओं में दाढ़ी, टोपी वाले मुसलमान नजर आ जायें। दरअसल एक नई पहल हो रही है, एक दूसरे को लेकर पैदा गलत फहमी को दूर करने के लिए। शुरुआत 27 मार्च को मेरठ से।ईद मिलादुननबी के मौके पर मुहम्मद साहब के बताये रास्ते पर अमन का कारवां आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा ले रहे हैं। आयोजन का मकसद इस्लाम को लेकर पैदा भ्रांतियां दूर करना है। उधर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच मुसलमानों से संघ की शाखाओं से जुड़ने की अपील करने जा रहा है। मकसद यही है कि संघ को लेकर उनके मन में जो गलत फहमियां हैं, वो दूर हो सकें।
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अध्यक्ष मुहम्मद अफजाल ने बताया कि ईद मिलादुननबी के मौके पर पूरे महीने प्रदेश के अलग-अलग शहरों में मुहम्मद साहब के बताए रास्तों पर अमल करने के लिए 'पैगाम-ए-अमन' के नाम से कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। इसमें बतौर मुख्य अतिथि संघ के वरिष्ठ प्रचारकों को आमंत्रित किये जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि मंच मुसलमानों से यह कह रहा है कि वे शाखाओं में जाकर खुद जानें कि संघ में किसी जाति, धर्म के खिलाफ कुछ नहीं होता। संघ की नजर में केवल राष्ट्र महत्वपूर्ण है।
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3 comments:
Its good! अगर दोनों एक दूसरे की सुरंगों में आना जाना करें तो काफी कुछ समझ पायेंगे एक दूसरे के बारे में।
February 20, 2010 at 3:42 PMअच्छी खबर है .. देश में अमन चैन की थोडी उम्मीद दिखती है !!
February 21, 2010 at 12:23 AMएक अच्छा प्रयास लेकिन अहम् सवाल ये है कि, क्या कट्टर वहाबी मुल्ले और सेकुलर हिन्दू इस 'हिन्दू-मुस्लिम मिलन' को सफल होने देंगे?
February 21, 2010 at 2:43 AMPost a Comment
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