हिन्दू लड़की को बहादुरी का ईनाम कैसे दिया जा सकता है…
कश्मीर की रुखसाना जिसने आतंकवादियों को मार गिराया उसका अभिनन्दन, पुरस्कार, सम्मान सब हो रहा है… जबकि एक हिन्दू लड़की ने दस साल पहले ही आतंकवादियों को मार गिराया था, उसे आज तक अब्दुल्ला परिवार और शासन की तरफ़ से "ठेंगा" ही मिल सका है… बात सही भी है… सेकुलरिज़्म को महान बनाने के लिये मुस्लिम लड़की को ईनाम देना जरूरी है… और कहीं हिन्दू लड़कियाँ भी इससे प्रेरणा लेने लगें तो क्या होगा… इसलिये उसे नहीं… :)इधर पढ़िये एक खबर… http://in.jagran.yahoo.com/news/local/jammuandkashmir/4_10_6161230.html
2 comments:
यही हमारे देश का दुर्भाग्य है..सही को सम्मान तो ठीक है,पर इसके लिए अन्यो को उपेक्षित कर अपमानित करना कहाँ का न्याय है?
February 7, 2010 at 5:37 PMagr ye sahi hai to bahut buara wala sahi hai,
February 7, 2010 at 8:06 PMPost a Comment
बेधड़क अपने विचार लिखिये, बहस कीजिये, नकली-सेकुलरिज़्म को बेनकाब कीजिये…। गाली-गलौज, अश्लील भाषा, आपसी टांग खिंचाई, व्यक्तिगत टिप्पणी सम्बन्धी कमेंट्स हटाये जायेंगे…