चूंकि आंध्रप्रदेश में गिराया गया मन्दिर, बाबरी ढाँचा नहीं है, इसलिये सेकुलर रुदालियाँ रोने वाली नहीं है…

विगत 17 मार्च को ईसाईयों के एक समूह ने सेमुअल राजशेखर रेड्डी के स्वप्न को पूरा करने की दिशा में एक कदम और उठाया। आंध्रप्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के मंगलागुण्टा में एक 100 साल पुराना मन्दिर कुछ ईसाई युवकों द्वारा ढहा दिया गया (यह राम मन्दिर है और दलितों की बस्ती में स्थित है)। स्थानीय लोगों का आरोप है कि तहसीलदार की भी इसमें मिलीभगत है। शुरुआत में तो पुलिस ने भी रिपोर्ट लिखने में आनाकानी की, फ़िर भी बाकायदा नामजद FIR दर्ज की गई है जिसमें मन्दिर गिराने वाले ईसाई युवकों के नाम दिये गये हैं…। पहले भी मन्दिर गिराने की ऐसी कोशिशों का प्रतिरोध किया गया था, लेकिन इस वर्ष रामनवमी उत्सव (24 मार्च) की तैयारियों के बीच एक हमले में 16 मार्च को यह मन्दिर गिरा दिया गया। ईसाईयों ने न सिर्फ़ मन्दिर गिराया बल्कि राम की मूर्ति भी तोड़ दी। इसके बाद हरिजन रामालय सुरक्षा समिति के सदस्यों पर प्राणघातक हमला भी किया गया।

तेलुगु अखबार की कटिंग



दर्ज की गई FIR की प्रति, जिसमें ईसाई युवकों के नाम दिये गये हैं…





अब दिक्कत यह है कि इस मामले पर रोनाधोना मचाने वाली सेकुलर और वामपंथी रुदालियाँ इसलिये चुप हैं क्योंकि यह बाबरी ढाँचा नहीं है… सिर्फ़ एक मन्दिर है और विधर्मियों द्वारा मन्दिरों के तोड़े जाने पर हल्ला मचाने की परम्परा हमारे यहाँ नहीं है…

खबर यहाँ देखें…
http://www.crusadewatch.org/index.php?option=com_content&task=view&id=1066&Itemid=90
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चर्च लगा है हिन्दु साधु-सन्यासियों को बदनाम करने में और मिडीया का है मौन सर्मथन

जिस तरह से कुछ दिन से सिर्फ हिन्दु साधु-सन्यासियों को बदनाम करने का काम किया जा रहा है उसका पर्दाफाश मैंगलोर पुलिस ने किया है इस सिलसिले में पुलिस नें तीन आदमी को हिरासत में लिया और उसके चौकस पर डंडा मारने पर उसने जो बातें बताई वह चौकाने बाला था।

पुलिस के द्वारा पकराये गये तीनों आरोपियों ने बताया कि वह किस तरह से चर्च के इशारा पर हिन्दु साधु-सन्यासियों को डुप्लिकेट का सेक्स विडीयों बना कर उन्हें बदनाम करने का कोशिश करता है इस काम के लिये चर्च से उसे पैसा मिलता हैं।

इस सभी घटना कर्म में सबसे चौकाने बाली बात यह है कि जो मिडीया हिन्दु साधु-सन्यासियों को बदनाम करने बाला विडीयों दिन भर दिखाता था वही मिडीया इस खबर में चुप्पी साधे बैठा है। मिडीया के इस चुप्पी को चर्च का मैन समर्थन माना जाना चाहिये।

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धर्मनिरपेक्षतावादी बयानों का विरोधाभास देखिये::कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा

1.हजारों सिखों का कत्लेआम – एक गलती और कश्मीर में हिन्दुओं का नरसंहार – एक राजनैतिक समस्या
2. गुजरात में कुछ हजार लोगों द्वारा मुसलमानों की हत्या – एक विध्वंस और बंगाल में गरीब प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी – गलतफ़हमी
3. गुजरात में “परजानिया” पर प्रतिबन्ध – साम्प्रदायिक, और “दा विंची कोड” और “जो बोले सो निहाल” पर प्रतिबन्ध – धर्मनिरपेक्षता
4. कारगिल हमला – भाजपा सरकार की भूल और चीन का 1962 का हमला – नेहरू को एक धोखा
5. जातिगत आधार पर स्कूल-कालेजों में आरक्षण – सेक्यूलर और अल्पसंख्यक संस्थाओं में भी आरक्षण की भाजपा की मांग – साम्प्रदायिक
6. सोहराबुद्दीन की फ़र्जी मुठभेड़ – भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा ओर ख्वाजा यूनुस का महाराष्ट्र में फ़र्जी मुठभेड़ – पुलिसिया अत्याचार
7. गोधरा के बाद के गुजरात दंगे - मोदी का शर्मनाक कांड और मेरठ, मलियाना, मुम्बई, मालेगांव आदि-आदि-आदि दंगे - एक प्रशासनिक विफ़लता
8. हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना – सांप्रदायिक ओर इस्लाम और मुसलमानों के बारे में बातें करना – सेक्यूलर
9. संसद पर हमला – भाजपा सरकार की कमजोरी और अफ़जल गुरु को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फ़ांसी न देना – मानवीयता
10. भाजपा के इस्लाम के बारे में सवाल – सांप्रदायिकता ओर कांग्रेस के “राम” के बारे में सवाल – नौकरशाही की गलती
11. यदि कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीती – सोनिया को जनता ने स्वीकारा ओर मोदी गुजरात में चुनाव जीते – फ़ासिस्टों की जीत
12. सोनिया मोदी को कहती हैं “मौत का सौदागर” – सेक्यूलरिज्म को बढ़ावा ओर जब मोदी अफ़जल गुरु के बारे में बोले – मुस्लिम विरोधी
क्या इससे बड़ी दोमुंही, शर्मनाक, घटिया और जनविरोधी पार्टी कोई और हो सकती है?
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केरल के इदुक्की जिले में दंगा – किसी सेकुलर न्यूज़ चैनल पर कोई खबर नहीं…

केरल के इदुक्की जिले का व्यापारिक मुख्यालय थोडुपुज़ा में गत शुक्रवार को उग्र मुस्लिमों की भीड़ ने जमकर दंगा मचाया, कई दुकानों में आग लगाई और लूटपाट की। जुमे की नमाज़ के बाद मस्जिदों से बाहर निकले सैकड़ों मुसलमान इस बात पर आरोप लगा रहे थे कि स्थानीय न्यूमैन कॉलेज बी कॉम के एक प्रश्नपत्र में पैगम्बर मोहम्मद और अल्लाह के बारे में अपमानजनक प्रश्न पूछा गया है, लेकिन जैसा कि हमेशा होता है मुसलमानों का किसी लोकतान्त्रिक पद्धति पर विश्वास तो है नहीं, न कोई पुलिस रिपोर्ट, न कॉलेज प्रशासन से कोई शिकायत की, बस पागल की तरह उठे और जुमे की नमाज़ के बाद दंगा मचाना शुरु कर दिया।

इस दंगे में कई पुलिसवाले और मासूम राहगीर जख्मी हुए, तथा दंगाईयों ने थोडुपुझा के श्रीकृष्ण स्वामी मन्दिर के मुख्य द्वार को भी तोड़ दिया (यानी शिकायत कॉलेज प्रशासन से, लेकिन निशाना हिन्दुओं पर… इस प्रकार के ठस लोग हैं ये)। सड़क चलती महिलाओं और 12वीं की परीक्षा देने जा रहे विद्यार्थियों को भी नहीं छोड़ा गया और जमकर पीटा गया।


केरल की “कमीनिस्ट” सरकार के पुलिस अधिकारियों ने प्रोफ़ेसर टीजे जोसफ़ पर केस दर्ज किया है, जबकि कॉलेज के अन्य प्रोफ़ेसरों का कहना है कि अकेले जोसेफ़ को दोषी ठहराना ठीक नहीं, क्योंकि प्रश्नपत्र तैयार करने वाली एक कमेटी होती है।

इस मामले में पेंच यह है कि न्यूमैन कॉलेज की स्थापना डायोसीज़ ऑफ़ कोठामंगलम द्वारा कार्डिनल न्यूमैन की याद में की गई थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि ईसाईयों के एक ग्रुप ने जानबूझकर हिन्दू-मुसलमानों के बीच दंगा फ़ैलाने के लिये यह चाल खेली है। दीपिका.कॉम नामक मलयाली वेबसाईट ने चतुराईपूर्ण तरीके से जोसफ़ को सीपीएम का सदस्य बताकर इस मामले से “चर्च” की भूमिका को गायब कर दिया। इस प्रकार की “हरकत” और शरारत लगातार जारी रहेगी… अमूमन अनपढ़ मुस्लिमों में दिमाग तो घुटने से भी नीचे ही होता है, किसी मुल्ला ने शुक्रवार को कुछ बका और ये निकल पड़े हथियार लेकर बिना कुछ सोचे-समझे।

इस मामले में ईसाई बेहद चालाक हैं, पहले मुस्लिम और ईसाई अलग-अलग होकर हिन्दुओं को मारेंगे, फ़िर बाद में आपस में लड़ेंगे…। वैसे तो पूरी दुनिया में ईसाईयों ने मुस्लिमों के पिछवाड़े में डण्डा कर रखा है, लेकिन फ़िलहाल भारत में इन्हें ये हिन्दुओं से लड़वायेंगे… क्योंकि जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है इनमें दिमाग नाम की कोई चीज़ तो होती नहीं… बस “इस्लाम खतरे में है…” सुनाई दे जाये, तो ये निकल पड़ेंगे…।

रही राष्ट्रीय मीडिया की बात, तो पुण्य प्रसून वाजपेयी को अमिताभ-सीलिंक मामले, रवीश कुमार को गुजरात मामले और रजत शर्मा को मूर्खतापूर्ण जादू-टोने वाली खबरों से फ़ुरसत मिले तब ये दिखायें, और उनके “असली मालिक” बरेली के दंगों की तरह, ऐसे किसी भी दंगे को ब्लैक आउट करने को कहते रहें… तो वह भी क्या करें…
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मंदिरों और मुर्तियों को तोड़ना धार्मिक काम मानतें हैं मुस्लमान

मजहब नही सिखाता आपस में बैर करना जिस किसी ने कहा है वह सरासर झूठ कहा हैं अगर इस्लाम कि शिक्षा को देखों तो हमें पता चलता है कि किस तरह से मजहब हमें सिखाता है आपस में बैर करना। विस्तार से जानने के लिये निचे का खबर पढे़।


हिन्दवी से लिया गया
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तुम्हारी बहन बहन दुसरों की बहन माल

सोच सकते हैं कितना घटिया मानसिकता है यैसे लोगों का कितने गिरे लोग हैं ये जो यैसा सोचते हैं कि सिर्फ उनके ही बहू-बेटीयों का इज्जत होता है दुसरों का नही कल मेंरे पास किसी मित्र का एक ई-मेल जिसमें एम.एफ.हूसैन को उसी के अन्दाज में तमाचा मारा गया था देख कर थोडा़ आच्छा लगा खुशी भी हुई अगर हूसैन का ई-मेल आईडी रहता तो उसको भी भेज देता।

आज मेरे एक मित्र ने मुझे एक ब्लाग लिंक भेजा जिसमें हूसैन माँ, बहन और बीबी का नंगा चित्र लगा हुआ था लेकिन ब्लाग ने लेख के द्वारा तर्क या कहिये कुतर्क के द्वारा सभी को यह मनवाने का कोशीश कर रहा था कि जिस किसीने यह चित्र बनाया वह मानसिक दिवालिया या पागल किस्म का आदमी है। मैने उसके पुरे ब्लाग को छान मारा कि शायद यह लेखक हिन्दुओं के भावना को आहत करने वाले हूसैन के चित्र के लिये भी कभी हूसैन को गरियाया होगा लेकिन मुझे सफलता नही मिला उसके द्वारा लिखे गये कई दुसरे लेख को पढा़ तब समझ में आया कि यह लेखक शायद कोई हूसैन कि तरह मानसिक विकृति बाला है जिसे हिन्दूओं के भावना को आहत करने में मान्सिक शुख मिलता है।







आखिर कौन हैं ये लोग जो हूसैन जैसे मानिसक दिवालिया जिहादी मानसिकता वालों के अवाज में अवाज मिला कर उसके साथ खरा नजर आता है इसके लिये हमें थोडा़ फ्लैश बैक में जाना होगा जब इस देश में अंग्रेजो का शासन था।

जब इस देश में अँग्रेज का शासन था उस समय इस देश में दो तरह के लोग थे एक जो अंग्रेज से लडा़ करते थे और दुसरा जो अंग्रेस के साथ खडा़ रहता था और इस देश के जनता को प्रडतारित करने में उसका मदद किया करता था यैसे आदमी को अंग्रेजो के द्वारा फेके गये टुकरे पर पला करते थे और अंग्रेजों को खुश करने के लिये किसी भी हद तक गिर जाया करते थे यहाँ तक अपनी बहन-बेटियों को भी तशतरी में परोस कर अंग्रेजो के सामने भोग लगाने के लिये रख दिया करते थे। उसके बदले में अंग्रेजों के फेके गये रोटी पर अपना पेट पालते थे।

इनका दुर्भाग्य अंग्रेज को इस देश से जाना पारा। यह देश आजाद आजादी के मतबालों ने जम कर खूशी मनाया लेकिन देश के दलालों के शरीर में बहने बाला दलाली का खुन ये नही बदल पायें। दलाली करने कि इनकी आदत जैसी कि तैसी बनी रही जिसका नतिजा यह हूआ कि समय समय पर यह अपने अवैध बाप को खोजने के लिये कभी चीन तो कभी पाकिस्तान कि ओर मूँह उठा कर देखने लगे कि कही से इनके अवैध बाप आयें और हम देशभक्त हिन्दुस्तानियों पर कहर बरपायें जिससे इन्हें मानसिक शुख मिले। ये यैसे दलाल हैं जिन्हें माँ भारता का नंगा चित्र बनाने बाला हूसैन को ये अपने पिता तुल्य मानतें हैं लेकिन माँ भारत के सच्चे सपूत इन्हें नाग कि तरह डसते हैं।

अन्त में

आरती भारत माता की जिसको नहीं सुहाती है
भारत भू की गौरव गाथा जीभ नहीं गा पाती है
हो सकता है बहुत बड़ा हो, पर भारत का भक्त नहीं
आदमी उसको कहने में शर्म बहुत ही आती है
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हमें मजबुर मत करो इस्लाम का बुराई करने के लिये

इधर कई दिनों से कुछ मुस्लिम ब्लागर जो हिन्दु धर्म के बारे में ज्यादा जानते नही हैं अपने अधकचरे जानकारी के द्वारा हिन्दु धर्म को कोसते नजर आते हैं जिनका सिर्फ एक ही काम है हिन्दु धर्म को निचा दिखाना वे अपने अधकचरा जानकारी के द्वारा महान हिन्दु के अच्छाई को भी बुराई बना कर दिखाने का कोशीश कर रहें हैं वैसे ब्लागर को चेतावनी देना चाहता हू हमें मजबुर मत करो इस्लाम का बुराई करने का नही तो यैसे कई ब्लागर हैं जो इस्लाम के कमी को अच्छी तरह जानते है लेकिन अपने अच्छे संस्कार के चलते अपने धर्म के साथ इस्लाम का भी इज्जत करते हैं कही यैसा ना हो कि यैसे हिन्दु ब्लागर भी वही काम करने लगे जो इस्लामिक ब्लागर कर रहें हैं। इसे इस्लामिक ब्लागर चेतावनी के रुप में लें अन्यथा .................................।
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बरेली के दंगे - साँपों को दूध, गिद्ध भोजन और सेकुलर मीडिया

बरेली में मौलाना तौकीर रज़ा खान को माया सरकार ने रिहा कर दिया है और फ़िर से दंगे शुरु हो गये हैं…
बरेली के दंगों को "हरामखोर सेकुलर मीडिया" ने पूरी तरह से ब्लैक आऊट कर दिया है… मूर्ख हिन्दू हमेशा की तरह शान्ति का राग अलाप रहे हैं, भाजपा महिला बिल पास करवाने के लिये कांग्रेस का साथ दे रही है और उत्तरप्रदेश में हिन्दुओं की परवाह करने वाला कोई नहीं है…

http://news.rediff.com/report/2010/mar/12/clashes-in-bareilly-after-accused-cleric-freed.htm

पिछली कुछ खबरों का संकलन इधर पढ़िये…

गिरफ्तार धर्मगुरू के समर्थन में उतरी उलेमा काउंसिल

दो मार्च को जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था

बरेली में बीते सप्ताह हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में गिरफ्तार मुस्लिम धर्मगुरू एवं इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौकीर रजा खान को तुरंत रिहा किए जाने की मांग करते हुए उलेमा काउंसिल ने सड़कों पर उतरकर विरोध की धमकी दी है।

काउंसिल के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद ताहिर मदनी ने बुधवार को आजमगढ़ में संवाददाताओं से कहा कि अगर अगले दो दिनों में बरेली पुलिस ने धर्मगुरू तौकीर रजा को रिहा नहीं किया तो हजारों की संख्या में उनके समर्थक राज्य भर में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने राज्य सरकार को मुस्लिम विरोधी करार दिया।

मदनी ने कहा कि धर्मगुरू को सलाखों के पीछे डालने से उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस का अल्पसंख्यक विरोधी चेहरा सामने आ गया है। धर्मगुरू पर लगाए गए धार्मिक उन्माद फैलाने जैसे सारे आरोप बेबुनियाद हैं।

उन्होंने कहा कि बरेली शहर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के असली गुनहगारों को पकड़ने के बजाए सरकार और पुलिस अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है। पुलिस असली गुनहगारों को बचा रही है। उल्लेखनीय है कि बरेली पुलिस ने सोमवार को धर्मगुरू तौकीर रजा खान को गत 2 मार्च को एक धार्मिक जुलूस के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

http://www.youtube.com/watch?v=Jo5u_Wej-PY

http://www.youtube.com/watch?v=9sIafXVSwmc


बरेली: कर्फ्यू हटा फिर भी है तनाव

बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में दंगा भड़काने के आरोप में इत्तेजाद मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां की गिरफ्तारी के विरोध में दरगाह ए आला हजरत के सज्जादानशी सुब्हानी मियां के नेतृत्व में शुरु किया गया अनिश्चितकालीन धरना आज भी जारी है।


शहर में व्याप्त तनाव के मद्देनजर चारों हिंसाग्रस्त क्षेत्नों में आज कफ्यरू में शाम चार बजे से छह बजे तक केवल दो घंटे की ही ढील दी गई है। एहतियातन शहर के सभी स्कूल कालेज आज भी बंद कर दिए गए हैं और आज सिर्फ बोर्ड परीक्षाएं ही होंगी।


दूसरी ओर स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कर्मवीर सिंह और गृह विभाग के प्रमुख सचिव फतेहबहादुर सिंह के दौरे के बाद कल देर रात सरकार ने बरेली के जिलाधिकारी आशीष कुमार गोयल और पुलिस उपमहानिरीक्षक एम.के. बशाल का तबादला कर दिया।


पीलीभीत के जिलाधिकारी अनिल गर्ग ने बरेली के जिलाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार और श्री बशाल के स्थान पर ए. टी. एस. इलाहाबाद जोन श्री राजीव सब्बरवाल ने आज बरेली के पुलिस उप महानिरीक्षक का कामकाज संभाल लिया।


गौरतलब है कि बरेली के प्रेमनगर क्षेत्र के भीड़-भाड़ वाले कोहाडापीर इलाके से एक धार्मिक जुलूस निकाले जाने से पहले शहर के संजयनगर, कोहाडापीर, सराय चहाबाई, शाहदाना, कुतुबखाना, किला और बानखना समेत कई स्थानों पर दो संप्रदायों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

बरेली जाते समय रीता बहुगुणा जोशी गिरफ्तार (गिद्धों के दौरे शुरु)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कर्फ्यूग्रस्त शहर बरेली जाते समय कांग्रेस की राज्य इकाई की अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के अनुसार जोशी बरेली जाना चाहती थीं लेकिन सुरक्षा कारणों के मद्देनजर उन्हें इटौंजा में ही गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ देर बाद पुलिस ने डा. जोशी और अन्य कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया।

इस बीच डा. जोशी ने कहा कि वह घटनास्थल का दौरा करने और शहर में स्थिति का जायजा लेने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बरेली जा रही थीं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें बरेली नहीं जाने देना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों पर कुठाराघात है।

उन्होंने इस घटना की जांच के लिए बरेली के सांसद प्रवीन सिंह ऎरन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल का गठन किया है। जांच दल के सदस्य के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनिल शास्त्री और पूर्व सांसद बेगम नूरबानो शामिल हैं। जांच दल बरेली पहुंचकर अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देगा।

नहीं पहुंच सके शिवपाल, अहमद हसन (कुछ और गिद्ध आये)

हिंसाग्रस्त इलाकों में दौरा करने आ रहे नेता प्रतिपक्ष शिवपाल सिंह यादव और नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद अहमद हसन को शहर पहुंचने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया। सैफई से चले शिवपाल सिंह यादव व उनके साथ आ रहे एमएलसी राकेश राना को फतेहगढ़ में गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं लखनऊ से चले अहमद हसन को मलिहाबाद में गिरफ्तार किया गया।



बरेली में फ्लैगमार्च के साथ क‌र्फ्यू में ढील

बरेली। जुलूस-ए-मुहम्मदी के मार्ग विवाद को लेकर भड़की हिंसा पर काबू के साथ अब शहर बरेली में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। गुरुवार को प्रशासन ने नरमी तो बरती लेकिन, फ्लैगमार्च की चौकसी में ही क‌र्फ्यू में चार घंटे ढील दी गई। इस दौरान लोग खरीददारी के लिए बाजार में उमड़ पड़े। गनीमत रही कि ढील के दौरान कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।

गौरतलब है कि जुलूस-ए-मुहम्मदी के बाद हुए उपद्रव में शहर का बड़ा हिस्सा जल उठा था। दर्जनों घर और दुकानें फूंक दी गई। महिलाओं और बच्चों तक को भी उपद्रवियों ने नहीं बख्शा। पुलिस के जवानों समेत तमाम लोग घायल भी हुए। पुलिस को सैकड़ों राउंड फायरिंग करनी पड़ी थी। करीब चार घंटे तक तांडव चलता रहा, जिसके बाद प्रशासन को बारादरी, कोतवाली, प्रेमनगर और किला में क‌र्फ्यू लगा दिया। बुधवार को शहर के मुअज्जिज लोगों के साथ मीटिंग के बाद प्रशासन ने गुरुवार को प्रभावित क्षेत्र में चार और अन्य इलाकों में शाम पांच बजे तक क‌र्फ्यू में ढील का ऐलान कर दिया।

गुरुवार छह बजे जैसे ही क‌र्फ्यू हटा तो 36 घंटों से घरों में कैद लोग सड़कों पर निकल आए। जरूरत की चीजें खरीदने के लिए दुकानों पर कतारें लग गईं।

उपद्रव में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए इलाकों चाहबाई, गुद्दड़बाग, कोहाड़ापीर, बानखाना में हालात सामान्य रहे। काफी तादाद में लोग घरों से निकले। कोहाड़ापीर और कुतुबखाना पर चंद घंटों में ही रोज की तरह ही जाम की स्थिति बन गई। मेयर सुप्रिय ऐरन, राज्यसभा सदस्य वीरपाल सिंह यादव, पूर्व सासंद संतोष गंगवार, विधायक अता उर रहमान, तमाम व्यापारी नेता और समाजसेवी भी पहुंचे।



तौकीर रजा की रिहाई फिर टली

बरेली। आईएमसी के प्रमुख तौकीर रजा खां की जमानत अर्जी पर फैसला फिर से गुरुवार पर टल गया है। बुधवार को एडीजे प्रथम अश्रि्वनी कुमार की अदालत में मौलाना की जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई तो दंगा पीड़ित पक्षकारों की ओर से 17 अधिवक्ताओं ने अर्जी दी कि फैसला देने से पहले उनका पक्ष भी सुन लिया जाए। यह भी कहा गया कि इसके लिए पीड़ित पक्ष को दो दिन की मोहलत चाहिए। इस पर अदालत ने एक दिन का समय देने का आदेश दिया। इसीलिए अब सुनवाई गुरुवार 11 मार्च को होगी और पीड़ित पक्ष अपना हलफनामा प्रस्तुत करेगा। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जमानत अर्जी पर बहस करते हुए दलीलें दी कि अभियुक्त तौकीर रजा खां इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद मुल्जिम नहीं हैं। यदि वह घटनास्थल पर मौजूद होते तो उन्हें भी नामजद किया गया होता। वह निर्दोष हैं और पूरे प्रकरण में उनका कोई रोल प्रमाणित नहीं है इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।

अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता [फौजदारी] राजेश कुमार यादव ने जमानत अर्जी का विरोध किया। सुनवाई के दौरान 17 अधिवक्ताओं ने अदालत में जो अर्जी प्रस्तुत कीं वे पूरनलाल, सीमा मौर्य, जमुना प्रसाद मौर्य, उमाकांत मौर्य, रामकृष्ण आकाश सक्सेना, पुष्पेंदु शर्मा की ओर से थी। इन लोगों का दावा है कि इनकी करोड़ों की सम्पत्ति इस दंगे में नष्ट हो चुकी है और उनके पास जीविका का कोई दूसरा साधन नहीं बचा है। पीड़ित पक्ष ने तौकीर रजा खां के खिलाफ लंबित फौजदारी के आधा दर्जन मुकदमों का विवरण देकर उनका आपराधिक इतिहास भी तलब करने का अनुरोध किया।

बरेली शहर क‌र्फ्यू और फोर्स के हवाले

बरेली। शहर के बिगड़े हालात फिलहाल सुधरते नहीं दिख रहें हैं। खासकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां की गिरफ्तारी के बाद तनाव और बढ़ गया है। प्रशासन किसी हाल में नया बवाल नहीं लेना चाहता। लिहाजा उसने नया सेक्योरिटी प्लान लागू कर दिया है। अब तकरीबन पूरा शहर ही क‌र्फ्यू की जद में आ चुका है। मेन रोड पर सन्नाटा पसरा है तो गलियों में सख्ती बढ़ा दी गई है। मंगलवार को पूरा शहर ही छावनी बना दिया गया।

दो मार्च को उपद्रव के बाद जिंदगी पटरी पर लौटने लगी थी। क‌र्फ्यू में भी ढील लगातार बढ़ रही थी और लोग सड़कों पर निकलने लगे थे। एकाएक दंगा भड़काने के आरोप में मौलाना तौकीर की गिरफ्तारी के बाद शहर पुराने ढर्रे पर लौट गया। कोतवाली, बारादरी, प्रेमनगर, किला थाना क्षेत्र ही नहीं। अब तकरीबन पूरा शहर क‌र्फ्यू के जद में आ गया है। सीबीगंज, इज्जतनगर, सुभाषनगर, कैंट और बिथरी इलाके में भी मार्केट पूरी तरह बंद हो गए। इक्का-दुक्का दुकानें ही खुलीं। सभी प्रमुख सड़कों को पीएसी और आरएएफ के हवाले कर दिया गया। किसी को भी घर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। लोकल पुलिस के अलावा पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं।

चूंकि मौलाना तौकीर के समर्थक देहात क्षेत्र में भी हैं। लिहाजा शहर के बाहरी इलाकों में भी गश्त बढ़ा दी गई है। आईटीबीपी और बीएसएफ की टुकड़ियां भी प्रशासन ने मांग ली हैं। अगर जल्द हालात सामान्य नहीं हुए तो कुछ आरएएफ और बुलाई जाएगी। डीएम आशीष कुमार गोयल, डीआईजी एमके बशाल समेत पूरा अमला शहर में गश्त करता रहा। विरोध की रणनीति बना रहे लोग गांधीगिरी पर उतर आए और छिटपुट जगह गिरफ्तारियां भी दी गर्ई। डीआईजी एमके बशाल ने बताया कि क‌र्फ्यू में सख्ती बरकरार रहेगी।
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अखिर ये किसका पैदाईस है।

मैं ब्लागर नही हू ब्लागिग नही करता हू लेकिन बिकाउ मिडीया के समाचार देखने और पढ़ने से ज्यादा अच्छा ब्लागरों के ब्लाग को पढ़ना लेकिन कुछ दिन से देख रहा हू कि ब्लागर जगत में एक भूचाल सा दिख रहा है गालि-गलैज के द्वारा अपने अपने खानदान के व्यक्तित्व का प्रर्दशन करने बाले मुर्ख ब्लागरों का संख्या कुछ दिनों में कुछ ज्यादा हो गया है जो अपने धर्म से ज्यादा दुसरों के धर्म में रुची दिखातें हैं। उसमें भी दुसरे के धर्म कि बुराईयों को खोजने में कुछ ज्यादा व्यस्त रहतें है शायद उन्हें पता नही है चाँद पर थुकने बाले के मूँह पर ही थुक गीरता है। नाम बदल कर या दुसरे धर्म के अनुसार नाम रख कर धर्म को गाली देने या धर्म के बुराई खोजने बाले इतना तो बतादे उनके शरीर में खुन किसका वह रहा है नाम का या का.............. का।

ब्लाग कोई थुकने की जगह नही है इसे स्वच्छ बनाये रखें या फिर यह बता कि आप पैदाईस किसके है।
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समान नागरिक संहिता के पक्ष में है उच्चतम न्यालय

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खुदीराम बोस की समाधि पर बना शौचालय


पटना : विधानसभा में विधायक किशोर कुमार ने शुक्रवार को आजादी की लडाई के अमर सेनानी शहीद खुदीराम बोस से जुडे ऐतिहासिक स्थलो की बदहाली का मामला उठाया और सरकार से उन स्थलो को राष्‍टीय स्मारक के रूप में विकसित करने की मांग की. विधानसभा में शून्य काल कें दौरान निर्दलीय किशोर कुमार ने कहा कि फांसी के बाद शहीद खुदीराम बोस का मुजफ्‌फरपुर के बर्निंगघाट पर अंतिम संस्कार किया गया था लेकिन उस स्थल पर शौचालय बना दिया गया है. इसी तरह किंग्सफोर्ड को जिस स्थल पर बम मारा गया था उस स्थल पर मुर्गा काटने और बेचने का धंधा हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह शहीदों के प्रति घोर अपमान और अपराध है. विधायक ने राज्य सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और शहीद खुदीराम बोस से जुडे ऐतिहासिक स्थलो को संरक्षित कर पर्यटक धरोहर और राज्‍कीय स्मारक के रूप में विकसित करने की मांग की ताकि आने वाली पीढी इससे प्रेरणा ले.
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ये हिन्‍दूस्‍तान के खिलाफ है।

भारत में रहकर यहां की संस्कृति को समझना काफी मुश्किल है. जहां भारत में विभिन्न जाति के लोग समय-समय पर आरक्षण की बात करते हैं. वहीं एक समुदाय ऐसा है जो बगैर किसी प्रयास के आरक्षण का लाभ उठाता आ रहा है. कहने को तो आरक्षण सिर्फ उन्हें ही मिलती है जो वर्ग पिछड़ा हुआ है या उपेक्षा का शिकार है. मुस्लिम आरक्षण पर काफी बवाल मचा हुआ है. भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियां इसके विरोध में हैं. एक बात सोचनीय है कि जिस राज्य में मुस्लिम पिछड़े हुए हैं या कम है वहां उन्हें अल्प संख्यक का दर्जा प्राप्त है. वो सारी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं. लेकिन आज तक ये किसी ने नहीं सोचा कि उन हिन्दुओं का क्या, जो कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय में रहते और उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है.
विश्व में लगभग 57 इस्लामिक देश है आप एक देश बताएं जो हज पर राजसहायता यानि सब्सिडी देता हो?उल्टे भारत में हिन्दूओं के साथ अन्याय हो रहा है. हज पर सब्सिडी और अमरनाथ यात्रा, या वैष्णव देवी जैसे यात्राओं पर कोई छूट नहीं दी जाती है. हिन्दूस्तान में रहकर हिन्दूओं से सौतेला व्यवहार करते हैं हमारे देश के नेता. क्या आप एक ऐसा इस्लामिक देश बता सकते हैं जहां हिन्दूओं को विशेषाधिकार दिए गए हो जैसे भारत में प्राप्त है. एक बात और भारत के आजादी से लेकर आज तक के इतिहास पर नजर डाले तो मालूम पड़ता है कि कई ऐसे नेता जो हिन्दू नहीं थे. फिर भी राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक के पद उन्हें दिए गए. ऐसा केवल भारत में ही संभव है. परन्तु आप एक भी मुस्लिम देश नहीं बता सकते जहां पद प्राप्त हुआ हो. क्या कोई गैर मुस्लिम कश्मीर का मुख्यमंत्री बन सकता है नहीं?. आज भारतीय मुसलमान विश्व पट पर छा रहे हैं. ऐसा तभी संभव है जब उन्हें सुविधाएं प्राप्त होते हैं. क्या कोई गैर मुस्लिम, मुस्लिम देश में रहकर ऐसा सोच सकता है. आज जब हमारे नेता आरक्षण की बात करते हैं तो शायद उन्हें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आरक्षण गरीबी दूर करने का माध्यम नहीं है बल्कि लोगों और समाज में द्वेष फैलाने का माध्यम भर है
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आंतकवादी को पदम श्री सम्मान

यह सिर्फ कांग्रेस के शासन काल में समभ्व हो सकता है कि किसी भी यैरु-गैरु को पदम श्री का पुरस्कार दे दिया गया इसी का ताजा मिशाल है आंतकवादी को पदम श्री सम्मान पुरी खबर के लिये पढे़।


यह खबर http://hindvi.com से लिया गया है।
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नेपाल में भारतीय मूल के प्रकाशक की हत्या

विद्रोही गुटों ने ली जिम्मेदारी
काठमांडू । नेपाल की राजधानी काठमांडू के एक बेहद सुरक्षित क्षेत्र में दिनदहाड़े मीडिया से जुड़े एक विवादास्पद व्यक्ति की हत्या के एक महीने से भी कम समय बाद दक्षिणी नेपाल में सोमवार को भारतीय मूल के एक प्रकाशक की अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दो स्थानीय विद्रोही गुटों ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि नेपाली दैनिक 'जनकरपुर टुडे' के प्रकाशक अरुण सिंघानिया (50) पर हमलावरों ने सोमवार शाम गोली चलाई थी। उस समय अरुण होली का त्योहार मनाकर घर लौट रहे थे। पुलिस के अनुसार हमलावर मोटरसाइकिल से आए थे और उन्होंने अरुण पर नजदीक से गोली चलाई। उन्हें तीन गोलियां लगी थी। सिंघानिया का मीडिया समूह एक एफएम रेडियो स्टेशन और एक इंटरनेट पोर्टल भी चलाता है। वह एक महीने की भारत यात्रा के बाद रविवार को धनुषा जिले के जनकपुर लौटे थे। रिपोर्ट के मुताबिक नई दिल्ली में उनका बेटा राहुल एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। उसी से मुलाकात के लिए वह वहां पहुंचे थे। काठमांडू में उद्योगपतियों ने प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल से मुलाकात कर उन्हें चेतावनी दी है कि यदि एक महीने के अंदर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं होता है तो देश के सभी उद्योग और व्यापार बंद कर दिए जाएंगे। भारतीय मूल के प्रकाशक की हत्या के खिलाफ व्यापारिक संगठनों ने मंगलवार को जनकपुर बंद का आह्वान किया है। नेपाली पत्रकार संघ ने भी हत्या की निंदा की है। संघ ने कहा कि हमलावारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जनकरपुर में प्रदर्शन किया जाएगा। तराई इलाके में सक्रिय दो हथियारबंद गुटों, पूर्व माओवादियों के एक दल तराई जनतांत्रिक मुक्ति मोर्चा (राजन मुक्ति) और तराई जनतांत्रिक पार्टी-मधेस ने हत्या की जिम्मेदारी ली है.
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पंजाब के कई शहरों में ईसाईयों द्वारा दंगा-फ़साद…

कथित रूप से ईसा मसीह के अपमानजनक चित्र को लेकर पंजाब के कई शहरों में ईसाई युवकों ने जबरन दुकानें बन्द करवाईं और वे हथियारों तथा लाठियों से लैस थे… फ़रीदकोट, बटाला और जालन्धर आदि शहरों में "नव-धर्मान्तरित" ईसाई युवकों ने जमकर उत्पात मचाया… तुरन्त ऑल इंडिया क्रिश्चियन कमेटी के सदस्य भी पहुँच गये, जिसमें धर्म पतिवर्तन के लिये कुख्यात जॉन दयाल भी शामिल थे… पूरी की पूरी रिपोर्ट भारत के ईसाई मीडिया द्वारा दबा दी गई… और यह सब हम नहीं कह रहे… बल्कि ईसाईयों की ही एक वेबसाईट पर यह दिया है… इसे पढ़िये…

http://www.bosnewslife.com/11630-churches-shops-destroyed-in-indias-punjab-state
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एक तरफ़ हुंकार, दूसरी तरफ़ गद्दार…

पाकिस्तान से मोहम्मद हाफ़िज़ सईद ने कहा कि यदि भारत बात नहीं करता तो उससे युद्ध करना चाहिये…


वहीं दूसरी तरफ़ हमारे ट्विटर प्रिय 5 सितारा शशि थरूर नामक गद्दार कहते हैं कि भारत-पाकिस्तान के बीच में सहमति बनाने के लिये सऊदी अरब की मदद लेना चाहिये… (यानी 60 साल बाद अब "तीसरा पक्ष" बीच में ले आओ)…


मूर्खतापूर्ण बातें करने का ठेका अकेले हाफ़िज़ सईद ने नहीं ले रखा, शशि थरूर भी ऐसा कर सकते हैं…
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केरल में एक लाख स्वयंसेवकों का सांघिक कार्यक्रम सम्पन्न

केरल के कोल्लम जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का वार्षिक "संघिक" कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसमें सरसंघचालक मोहन जी भागवत के सान्निध्य में एक लाख स्वयंसेवकों ने केरल में अपनी ताकत, अनुशासन और संगठन का परिचय दिया… उल्लेखनीय बात यह रही कि "वामपंथी शासकीय असहयोग" के बावजूद यह पूरा कार्यक्रम अनुशासित रूप से सम्पन्न हुआ… पेश हैं कुछ उत्साहवर्धक चित्र…





 

 

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