भारत में रहकर यहां की संस्कृति को समझना काफी मुश्किल है. जहां भारत में विभिन्न जाति के लोग समय-समय पर आरक्षण की बात करते हैं. वहीं एक समुदाय ऐसा है जो बगैर किसी प्रयास के आरक्षण का लाभ उठाता आ रहा है. कहने को तो आरक्षण सिर्फ उन्हें ही मिलती है जो वर्ग पिछड़ा हुआ है या उपेक्षा का शिकार है. मुस्लिम आरक्षण पर काफी बवाल मचा हुआ है. भाजपा सहित कई राजनीतिक पार्टियां इसके विरोध में हैं. एक बात सोचनीय है कि जिस राज्य में मुस्लिम पिछड़े हुए हैं या कम है वहां उन्हें अल्प संख्यक का दर्जा प्राप्त है. वो सारी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं. लेकिन आज तक ये किसी ने नहीं सोचा कि उन हिन्दुओं का क्या, जो कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय में रहते और उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है.
विश्व में लगभग 57 इस्लामिक देश है आप एक देश बताएं जो हज पर राजसहायता यानि सब्सिडी देता हो?उल्टे भारत में हिन्दूओं के साथ अन्याय हो रहा है. हज पर सब्सिडी और अमरनाथ यात्रा, या वैष्णव देवी जैसे यात्राओं पर कोई छूट नहीं दी जाती है. हिन्दूस्तान में रहकर हिन्दूओं से सौतेला व्यवहार करते हैं हमारे देश के नेता. क्या आप एक ऐसा इस्लामिक देश बता सकते हैं जहां हिन्दूओं को विशेषाधिकार दिए गए हो जैसे भारत में प्राप्त है. एक बात और भारत के आजादी से लेकर आज तक के इतिहास पर नजर डाले तो मालूम पड़ता है कि कई ऐसे नेता जो हिन्दू नहीं थे. फिर भी राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक के पद उन्हें दिए गए. ऐसा केवल भारत में ही संभव है. परन्तु आप एक भी मुस्लिम देश नहीं बता सकते जहां पद प्राप्त हुआ हो. क्या कोई गैर मुस्लिम कश्मीर का मुख्यमंत्री बन सकता है नहीं?. आज भारतीय मुसलमान विश्व पट पर छा रहे हैं. ऐसा तभी संभव है जब उन्हें सुविधाएं प्राप्त होते हैं. क्या कोई गैर मुस्लिम, मुस्लिम देश में रहकर ऐसा सोच सकता है. आज जब हमारे नेता आरक्षण की बात करते हैं तो शायद उन्हें इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आरक्षण गरीबी दूर करने का माध्यम नहीं है बल्कि लोगों और समाज में द्वेष फैलाने का माध्यम भर है
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